ग्राम प्रधान, सचिव और रोजगार सेवक के खिलाफ शिकायत पर अधिकारियों ने दी क्लींचिट, जांच रिपोर्ट पर उठाए सवाल कहा इतने सबूतों के बाद भी क्लिनचिट कैसे?

राजू सिंह/प्रचंड जनता/कौशांबी। ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार को खुली छूट देने का काम अधिकारी करते है। जिस शिकायतकर्ता ग्राम प्रधानज़ सचिव और ग्राम सेवक के विरुद्ध ने सबूत सहित शिकायत की थी उसकी जांच करते हुए जांच अधिकारियों ने कलीनचिट दे दी। शिकायतकर्ता ग्रामीणों ने बताया है कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सबूत सहित शिकायत जन सुनवाईमें कई थी जिसकी शिकायत नंबर-60000230126127, ग्रामपंचायत तियरा जमालपुर के द्वारा ग्राम पंचायत-वियरा जमालपुर में भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता, विकास कार्यों की गुणवत्ता संबंधी अनेको बिंदुओं की सबूत सहित शिकायत की गई थी। लेकिन जांच अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट पर शिकायतकर्ता को मौके पर न होने का हवाला देते हुए अपने उच्चाधिकारियों को झूठी जांच रिपोर्ट पेश कर दी है। ये जांच अधिकारी योगी सरकार को झूठी रिपोर्ट देने से तनिक भी नही डरते जिसका प्रमाण जांच अधिकारियों द्वारा दिये गए झूठी रिपोर्ट से मिलता है। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट में इस प्रकार बिंदुवार रिपोर्ट बनाई गई जोकि झूठी है
1. राज्य वित्त व पन्द्रहवां वित्त तथा मनरेगा के अन्तर्गत कराये गये कार्यों की जांच की गयी जिसमें *सभी कार्य मौके पर सही पाये गये* उपस्थित ग्रामवासियों एवं जांच के समय पाये समस्त कार्यों से इसकी पुष्टि होती है।
2. हैण्डपम्प रिबोर / मरम्मत की मौके पर जाँच की गयी, जाँच के समय पर सब सही पाया गया। किन्तु हैण्डपम्प का फाउण्डेशन नहीं बना पाया गया।
3.आवास के सम्बन्ध में अवगत कराना है कि लाभार्थी श्री वीरेन्द्र पुत्र महिपाल, रामसूरत पुत्र शिवपाल, दिनेश पुत्र हीरालाल, सरिता पत्नी श्रवण का आवास मौके पर जाकर देखा गया सभी के आवास निर्माणाधीन हैं सभी ने किसी भी प्रकार के धनराशि किसी को देने के सन्दर्भ में मना किया है। जिनके बयान संलग्न हैं।
4.फर्जी जॉब कार्ड बनाये जाने के सम्बन्ध में अवगत कराना है कि किसी भी व्यक्ति का जॉब कार्ड बनाया जा सकता है जो काम की मांग करेगा। शिकायतकर्ता के मौके पर न होने के कारण यह स्पष्ट नही हो सका की कौनसा जॉब कार्ड फर्जी है।
5.ग्राम पंचायत में जो भी कार्य कराये गये हैं। देखने में घटिया किस्म का निर्माण नही दिखाई पड़ा। मौके पर उपस्थित ग्रामवासियों के द्वारा भी पुष्टि की गयी कि घटिया सामग्री का प्रयोग नहीं किया गया है। शिकायतकर्ता के मौके पर न होने के कारण यह स्पष्ट नही हो सका की किस कार्य में पटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है।
6.मनरेगा के अन्तर्गत जो भी कार्य कराये गये हैं जिनका भुगतान किया गया है। मौके पर देखने पर सब सही पाया गया है। शिकायतकर्ता के मौके पर न होने के कारण यह स्पष्ट नही हो सका की किस कार्य को मानक के अनुरूप कार्य नहीं किया गया है।
7.ग्राम पंचायत में एक ही कार्य के बार-बार भुगतान के सम्बन्ध में ग्रामवासियों से जानकारी चाही गयी तो ग्राम वासियों द्वारा अवगत कराया गया कि जो कार्य हुए हैं उसी का भुगतान हुआ है। शिकायतकर्ता के मौके पर न होने के कारण यह स्पष्ट नही हो सका की किस कार्य का बार-बार भुगतान किया गया है।
8. ग्राम पंचायत में पुरानी सामग्री व मलबा को निलाम कर जो धनराशि प्राप्त हुई है व किस खाते में जमा करायी गयी है। इस सम्बन्ध में  अवगत कराना है कि ग्राम पंचायत में शिकायत कर्ता द्वारा यह उल्लेख नहीं किया गया कि कौनसी पुरानी सामग्री (कवाड) ग्राम पंचायत द्वारा बेचा गया है।
9.  हैण्डपम्प रिबोर व मलबे व कबाड़ों को नीलाम कराकर जो धनराशि प्राप्त हुई है व किस खाते में जमा हुई के सम्बन्ध में अवगत कराना है कि उपस्थित ग्रामवासियों द्वारा बताया गया कि जो हैण्डपम्प रिबोर जैसे पाइप टूटा हुआ सरिया, टूटी हुई चैन ग्राम पंचायत द्वारा जुडवा/ रिपेयर कराकर पुनः उसी में प्रयोग किया जाता है।
10. शिकायतकर्ता द्वारा यह आरोप लगाया गया कि अभिलेखों जैसे गार्ड फाइल, लेजर बुक, कार्यवाही रजिस्टर, स्टॉक रजिस्टर बिल वाउचर कार्य की तकनीक स्वीकृती के दस्तावेज, कार्य के एम.बी. की सूचना व आय-व्यय का रजिस्टर तथा फर्जी बिलो को लगाकर भुगतान करना इत्यादि के सम्बन्ध में अवगत कराना है कि जांच के समय सब सही पाया गया है जिसकी पुष्टि ग्राम पंचायत सचिव के लिखित बयान से होती है। 
11. ग्राम पंचायत में जो कार्य कराये गये है उनका टेण्डर व कोटेशन समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाता है जिसकी पुष्टि ग्राम पंचायत सचिव द्वारा दिये गये लिखित प्रमाण पत्र से होती है।
12. ग्राम प्रधान द्वारा यह अवगत कराया गया कि जो हमारा वीडियो आडियो वायरल हो रहा है।जो अवैध वसूली कर जिलाधिकारी, सिगरेटरी, बी.डी.ओ. के नाम से पैसा लिया जाता है। उसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है जो तथ्यहीन है। शिकायतकर्ता के मौके पर न होने के कारण यह स्पष्ट नही हो सका की किस कार्य को मानक के अनुरूप कार्य नहीं किया गया है।
13.  ग्राम रोजगार सेवक द्वारा पैसे की वसूली के सम्बन्ध में अवगत कराना है कि रोजगार सेवक द्वारा जांच के समय यह कहा गया कि मेरा आडियो नहीं है। शिकायतकर्ता के मौके पर न होने के कारण इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है।
ग्रामीणों ने बताया कि
अधिकारियों की इस रिपोर्ट ने मुख्यमंत्री जन सुनवाई पोर्टल में शिकायत के बाद न्याय न मिलना, झूठी रिपोर्ट शासन को अधिकारियों द्वारा भेजना जांच अधिकारियों को भी सवालों के घेरे में खड़ा करता हैं। ऐसे में सरकार के सामने गंभीर चुनौती बन गई है कि उनके अधिकारी ही भरष्टाचार को बढ़ावा देने में लगे हुए है। क्यूं कि शिकायतकर्ता ग्रामीणों द्वारा ग्रामपंचायत में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कई सबूत देने के बाद भी यह आलम है।

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